ग्रीष्म ऋतु की जलती हुई धूप में सोनाली अपना का रंग निखारती। ग्रीष्म ऋतु की जलती हुई धूप में सोनाली अपना का रंग निखारती।
जिंदगी क्या है, एक महासागर,जिसमें हजारों गम है, हजारों खुशियां, और कभी न खत्म होने जिंदगी क्या है, एक महासागर,जिसमें हजारों गम है, हजारों खुशियां, और कभी...
भरे जोश में जा रहा था , बहादुरों का काफिला ! कह रहे थे , नसीबों से कर्तव्य हमें है भरे जोश में जा रहा था , बहादुरों का काफिला ! कह रहे थे , नसीबों से कर...
पर अभी अभी एक हल्की स्मिति ने उसके चेहरे को सहलाया है। पर अभी अभी एक हल्की स्मिति ने उसके चेहरे को सहलाया है।
जीना कितना दुश्वार हो गया है, मौत का ये फरमान हो गया है; जीना कितना दुश्वार हो गया है, मौत का ये फरमान हो गया है;
हवाएं आज कल कुछ दर्द भरी हैं कइयों के दर्द को यह ये उड़ी है हवाएं आज कल कुछ दर्द भरी हैं कइयों के दर्द को यह ये उड़ी है